मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में पदस्थ न्यायमूर्ति वंदना कसेरकर का रविवार सुबह कोविड-19 के कारण निधन हो गया है। वे 60 साल की थीं। उनका इंदौर के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह देश की दूसरी हाईकोर्ट जज हैं, जिनका कोरोना से निधन हुआ है। पिछले हफ्ते गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीआर उधवानी का भी महामारी की चपेट में आने से निधन हो गया था।
न्यायमूर्ति कसेरकर का जन्म 10 जुलाई 1960 को हुआ था। वह 25 अक्तूबर 2014 को मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ की न्यायाधीश नियुक्त हुई थीं। न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले, कसरेकर उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में ही दीवानी और संवैधानिक मुकदमों की पैरवी करती थीं। फिलहाल वह इंदौर पीठ की इकलौती महिला न्यायाधीश थीं। उनका कार्यकाल नौ जुलाई 2022 को समाप्त होना था।
उनके निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'माननीय न्यायमूर्ति वंदना कसरेकर के निधन का दुःखद समाचार मिला है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को इस वज्रपात को सहने की क्षमता दें। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।'
जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति कसरेकर की तीन दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें एयरलिफ्ट करके दिल्ली ले जाना था, लेकिन हालत नाजुक होने के चलते उन्हें इंदौर के मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। यहां उन्हें कोरोना संक्रमण से ग्रस्त पाया गया। वे पिछले काफी समय से किडनी संबंधित बीमारी से भी ग्रस्त थीं। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उनका अस्पताल में निधन हो गया।